नगर में सुरक्षा की कमी
>> Friday, 16 January 2009
नगर में जितिन प्रसाद के आगमन ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आज जी तरह से देश आतंक से जूझ रहा है उसको देखते हुए एक केंद्रीय मंत्री का इस तरह से अंधेरे में नगर का भ्रमण करना कितना उचित है ? पहली बात तो यह की हम सभी चाहते हैं की हमारे नेता हमारे बीच में पूरी तरह से सुरक्षित रहें पर चुनाव के समय इस तरह का घालमेल राजीव जी को और देश को बहुत भारी पड़ा था. आज भी देश के सामने आतंक की नई चुनौती है. इस बात को देखना स्थानीय प्रबंधकों का काम होना चाहिए कि कोई भी नेता किसी भी तरह से इस प्रकार के आयोजनों से दूर ही रहे. आवश्यकता होने पर किसी एक स्थान पर नेताओं को बिठा कर सभी को बुला लेना चाहिए. किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए. जितिन जैसे युवा लोगों से देश को बहुत आशा है उनसे भी निवेदन है कि आते जाते समय समय का ध्यान भी रखा करें जिससे सुरक्षा से किसी प्रकार का समझौता न करना पड़े. हम सभी को हर समय तैयार रहना चाहिए क्योंकि आतंक का कोई चेहरा नहीं होता वो किसी भी रूप में हमारे सामने आ जाता है. सभी के मंगल की कामना के साथ....
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