मुहर्रम का मेला
>> Friday, 9 January 2009
आज नगर में मुहर्रम के मेले की पूरी धूम हो रही है. जैसा कि स्थानीय लोग जानते हैं कि यह मेला ताज़ियों के पुराने गुरखेत में आने के साथ शुरू हो जाता है. यहाँ से सारे ताजिये दफन करने के लिए कर्बला की तरफ ले जाए जाते हैं और यहाँ पर मेला कई दिनों तक लगा रहता है. यहाँ का मेला आस-पास के जनपदों में भी मशहूर है क्योंकि यहाँ रहने वाले लोगो के रिश्तेदार भी इस समय लहरपुर आना चाहते हैं जिससे वे अपने रिश्तेदारों से भी मिल सकें और साथ ही इस मेले में भी घूम सकें. आज कल यहाँ पर स्थान की कमी के कारण मेले में काफी दिनों से आने वाले दूकानदार भी परेशान हो जाते हैं क्योंकि किसी समय यहाँ पर मेले के लिए बहुत जगह उपलब्ध थी. आज ये दूकानदार जितना सामान लाते हैं उसके अनुसार जगह ना मिल पाने से अपना सारा माल नहीं लगा पते हैं जिससे उनकी बिक्री पर भी असर होता है. फिर भी कुछ तो ऐसा है ही लहरपुर के इस मेले में कि इतनी परेशानी होने के बाद भी यहाँ हर बार आकर वे अपने काम को मन लगाकर करते रहते हैं. इतना बड़ा आयोजन होने में कुछ समस्याएँ तो होती ही रहती हैं. फिलहाल नागरिक इस मेले में घूमकर अपना मनोरंजन कर रहे हैं और खरीददारी भी जमकर कर रहे हैं.
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