फव्वारे की धूम..
>> Thursday, 19 March 2009
नगर में विकास कार्यों के क्रम में कराये जा रहे निर्माण में हरगोविंद चौराहे पर बनने वाले फव्वारे के चल जाने से यहाँ पर सुबह शाम मेले जैसा माहौल रहता है। रात ९ बजे बिजली के आने की प्रतीक्षा करते हुए बहुत से लोग यहाँ पहले से ही इकट्ठे हो जाते हैं तथा बिजली आने पर फव्वारे के चलने पर इसका आनंद लेते हैं। इसी तरह सुबह घूमने जाने वाले लोग भी इसी चौराहे का रुख करते हैं और यहाँ पर इधर उधर बैठ कर आनंद लेते रहते हैं। उल्लेखनीय है कि इस तरह के तीन फव्वारों का निर्माण होना है जिसमें से मज़ाशाह चौराहे वाले का उद्घाटन तो मुहर्रम के पहले ही हो गया था और हरगोविंद चौराहे पर यह होली के पहले से चलना शुरू हो चुका है। इसी क्रम में नगर पालिका कार्यालय के सामने शहर बाज़ार में भी तीसरे फव्वारे का निर्माण चल रहा है। एक ओर जहाँ कुछ लोग इस तरह के विकास के समर्थक दिखाई देते हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे पैसे की बर्बादी मानते हैं और कहते हैं कि जब लखनऊ में अटल बिहारी के बनवाये फव्वारे बेकार हो चुके हैं तो भविष्य में इन की देख भाल कौन करेगा ? फिल-हाल तो नगर में आने वाले लोग इन को देख कर कुछ सुकून तो महसूस ही कर रहे हैं.
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