हनुमान जयंती मनाई गई
>> Sunday, 18 October 2009
अनंत चतुर्दशी पर हनुमान जयंती के अवसर पर नगर के प्रसिद्ध हनुमान मन्दिर श्री हनुमत निवास में धूम धाम से पूरे दिन चलने वाले कार्यक्रम भक्ति भरे वातावरण में संपन्न हुए। जयंती का प्रारम्भ प्रातः ६.३० पर मंगल आरती के साथ हुआ जिसका समापन रात्रि ९.३० पर कीर्तन के बाद किया गया। सायन ६.३० पर भव्य श्रृंगार में सजे हनुमंत लाल का जन्म मनाया गया। दर्शन खुलते ही बजरंगी की छवि देख कर सभी भक्त मोहित हो गए। हनुमान जयंती के कार्यक्रम को मन्दिर के स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है जिसके कारण लोगों में बहुत उत्साह रहता है। पूरे दिन में हनुमान जी को मिठाई, मेवा, पूरी कचौडी, हलवे आदि का भोग लगाया जाता रहा। यहाँ पर कीर्तन के अगले दिन खजाने के रूप में मिलने वाले सिक्कों के लिए भक्त पूरे साल प्रतीक्षा करते रहते है क्योंकि उनकी यह मान्यता है की पोर कीर्तन में रखे हुए ये सिक्के ऊर्जित होकर शक्ति से पूर्ण हो जाते हैं और इनको अपनी गुल्लक आदि में रखने से हनुमान जी के साथ लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
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